उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा के बयान से असमंजस की स्थिति,
एबीवीपी और एनएसयूआई ने दी आंदोलन की चेतावनी
Ola times , जयपुर।
राजस्थान प्रदेश के universities और कॉलेजों में इस वर्ष भी RAJASTHAN STUDENT ELECTION होंगे या नहीं इस पर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई। हाल ही उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के बयान से असमंजस की स्थिति बन रही है। डिप्टी सीएम बैरवा ने जयपुर कहा है कि राजस्थान में न तो भाजपा सरकार ने छात्र संघ चुनाव करवाए और न ही चुनावों पर रोक लगाई है। इसलिए मैं इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल सकता हूं। क्योंकि न तो हम छात्रसंघ चुनाव कराने वाले हैं, न ही बंद करने वाले हैं। बैरवा के बयान के बाद एबीवीपी और एनएसयूआई के कई छात्र नेताओं ने विरोध जताया और आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
Rajasthan university jaipur , महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, कोटा विश्वविद्यालय कोटा, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर, पं. दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर में चुनाव की संभावना कम।
वहीं, राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर, गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा, Hari dev joshi journalism & mass communication university jaipur, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर और एम.बी.एम. विश्वविद्यालय जोधपुर के साथ ही प्रदेश के 500 सरकारी और 600 से अधिक प्राइवेट कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव पर रोक जारी रह सकती है। इससे प्रदेश के 6 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स इस बार भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
राजस्थान यूनिवर्सिटी के इकाई अध्यक्ष रोहित मीणा ने कहा- पिछली कांग्रेस सरकार ने एबीवीपी की न्याय पद यात्रा से डरकर छात्र संघ चुनाव रद्द कर दिए थे। हम भाजपा सरकार से फिर से छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग करते है। एबीवीपी के भारत भूषण यादव ने कहा- पिछली कांग्रेस सरकार ने फरमान जारी कर प्रदेश के विवि व कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दी थी। चुनावी घोषणा पत्र में भाजपा ने फिर से छात्रसंघ चुनाव शुरू करने का वादा किया था। अब जब पार्टी चुनाव जीत गई है तो उनके नेता छात्रसंघ चुनाव को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। सरकर ने जल्द छात्रसंघ चुनाव करवाने की घोषणा नहीं की तो पूरे राज्य में बड़ा आंदोलन िकया जाएगा।
एनएसयूआई भी चुनाव कराने के पक्ष में
एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश भाटी ने कहा- पिछली बार हमारी कांग्रेस सरकार ने छात्र संघ चुनाव रद्द कर दिए थे। इसका हमने ने विरोध किया था। लेकिन तब छात्र संघ चुनाव का आयोजन नहीं हो सका था। इस बार हम प्रदेश की भाजपा सरकार से फिर से छात्र संघ चुनाव कराने की मांग करते हैं।