उपायुक्त सहित 7 अधिकारियों-कर्मचारियों को किया सस्पेंड
Ola times /जयपुर।
एसीबी की ओर से शुक्रवार शाम को JDA (जोन 9) में कार्रवाई कर घूसखोर तहसीलदार, जेईएन, पटवारी समेत 6 अफसरों और 1 दलाल को गिरफ्तार किया था। शनिवार को सभी आरोपियों से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने पूछताछ की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि रिश्वतखोरी का काम कई वर्षों से चल रहा है। हर जोन में ऐसे ही फाइलें पास होती है और रिश्वत में मिलना वाला पैसा ऊपर तक पहुंचता है।
पूछताछ में आरोपियों ने कहा- जो हमसे पैसे ऊपर तक लेते हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई कीजिए। एसीबी के एक्शन के बाद शनिवार को जेडीसी मंजू राजपाल ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर अपने मूल विभाग में भेज दिया है। लम्बे समय से तैनात जोन उपायुक्त के कामकाज में भी बदलाव किया है।
एसीबी ने शुक्रवार को तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, जेईएन खेमराज मीणा, पटवारी रविकांत शर्मा, पटवारी विमला मीणा, गिरदावर रुक्मणी (पटवारी का चार्ज), गिरदावर श्रीराम शर्मा और दलाल महेश मीणा को गिरफ्तार किया था। महेश शर्मा (दलाल), पटवारी विमला मीणा का पति है।
JDA : ऑफिस में रिश्वत लेते पकड़े गए घूसखोर बोले- पैसा ऊपर तक जाता है
एसीबी के डीआईजी डॉ.रवि ने बताया कि लैंड (भूमि) कन्वर्जन के लिए परिवादी पर सितंबर 2023 से रिश्वत देने के लिए परेशान किया जा रहा था। पीड़ित अपनी लैंड कन्वर्जन के लिए कई बार जोन 9 के तहसीलदार, जेईएन, पटवारी और गिरदावर से मिला, लेकिन उसका काम नहीं हुआ और रिश्वत देने का दबाव बनाया गया। पटवारी विमला मीणा का पति महेश (दलाल) ने उसका काम कराने के लिए 12-13 लाख रुपए की डिमांड रखी थी। आखिर में डेढ़ लाख में बात फाइनल हुई।
डीआईजी बोले- घूसखोरों के खिलाफ पुख्ता सबूत
पीड़ित ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई। सत्यापन के बाद एसीबी टीम ने अधिकारियों पर नजर रखना शुरू किया और शुक्रवार को कार्रवाई को अंजाम दिया। डीआईजी डॉ. रवि ने कहा कि गिरफ्तार अधिकारी और अन्य आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। कुछ को कोर्ट में पेश कर रिमांड लेंगे। रिश्वत के पैसे का खेल कैसे चलता है और किन-किन तक पहुंचता है इसकी पूरी जानकारी एसीबी के पास है। जल्द जोन-9 के डीसी और अन्य स्टाफ को भी एसीबी पूछताछ के लिए मुख्यालय लाएगी। एसीबी को 6 अधिकारियों और 1 दलाल के खिलाफ अन्य फाइलों में पैसा लेने की जानकारी मिली है।
डीआईजी डॉ.रवि ने बताया- जोन-9 में कार्रवाई दौरान लैंड (भूमि) कन्वर्जन की करीब 43 फाइलें अलग-अलग टेबलों पर मिली हैं। फाइलों को रोकने के पीछे भी पैसा नहीं मिलना मुख्य कारण सामने आ रहा है। फाइलों के मालिकों से सम्पर्क कर वजह जानने का प्रयास किया जा रहा है।